बारहमासा’क मैथिली नाटक “एक टुकड़ा पाप”

नितेश कुमार झा

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस यानी 21 फरवरी 2021 क’ बारहमासा रंगमंडलक मैथिली नाट्य प्रस्तुति “एक टुकड़ा पाप” देखबाक सौभाग्य भेटल। मैथिली श्रेष्ठ नाटकार महेंद्र मलंगियाक लिखल अहि नाटकक निर्देशन केने छलाह मुकेश झा। नाटकक प्रस्तुति पर बात करबा स’ पहिने, जे दू टा बात अत्यधिक रोमांचित केलक ओहि संदर्भ मे कहय चाहब। पहिल बात, अहि प्रस्तुति मे मैथिली रंगमंचक तीन टा खरागर अभिनेता मुकेश झा, संतोष कुमार आ काश्यप कमल के अभिनय एक संगे, एक मंच पर देखब बहुत सुखदगर छल। लगभग 14-15 वर्ष बाद अहि तीनू वरिष्ठ अभिनेता एक संग एक प्रस्तुति मे देखना गेलाह। दोसर, दूटा नवोदित कलाकार – मनु कुमार आ मनीषा मिश्रा के अभिनय चकित क देलक। मनु आ मनीषा दुनू मे बहुत बेसी संभावना देखल जा सकैछ।

नाटकक केन्द्रीय पात्र ‘घीनमा’ माए-बापक अकर्मण्यता आ महत्वाकांक्षा के शिकार भ’ जाइत अछि। माए-बाप द्वारा अनुशासन के नाम पर ओकर बालपन आ बालसुलभता के अतिक्रमण काएल जेबाक कारणे ओकरा मोन मे एकटा दहशत पैसि जाइत छैक जकर परिणाम मे घीनामा के अपन प्राण देबय पडैत छैक। मंच पर घीनामाक रूप मे मनु, माएक रूप मे मनीषा, बाप के रूप मे काश्यप कमल, युवक के रूप मे मुकेश झा आ गिरगीट के रूप मे संतोष कुमार छलाह। मंच पार्श्व मे दीपक ठाकुर के गीत, संगीत – प्रसून नारायण, गायन पुष्पा झा आ लाइट-राजेश कुमार बेनी के छल।

कोरोना कालक बाद, दिल्लीक मुख्यधाराक मैथिली रंगमंचक नजरि स देखी त 26 जनवरी 2021 क’ अछिञ्जलक नाट्य प्रस्तुति “सुनिते करैए हरान” (हरिमोहन झाक पांच पत्र पर आधारित) के बाद मैथिली लोक रंगक ‘ननदि-भाउज़’ आ तकर बाद बारहमासाक ई प्रस्तुति सम्पन्न भेल। संतोष कुमार जी के अनुसार शीघ्र हुनकहि निर्देशन मे अस्मिता आर्टक प्रस्तुति “टुटल तागक एकटा ओर” देखना जाएत संगहि बारहमासाक नव मैथिली नाटक सेहो प्रस्तुत काएल जाएत, जकर घोषणा बारहमासाक निर्देशक मुकेश झा स्वयं केलाह।

One thought on “बारहमासा’क मैथिली नाटक “एक टुकड़ा पाप”

  1. बड्ड नीक समीक्षा।
    उम्मीद करैत छी , आगू आर काज होयत आर मैथिली भाषा और समृद्ध होइत

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